अपने मन की गहराई में उतरना: डेविड गॉगिन्स की आत्मा से निकली सच्चाई
एंड्रयू ह्यूबरमैन, स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोबायोलॉजी और नेत्रविज्ञान के प्रोफेसर हैं।
इस एपिसोड में उनके साथ हैं डेविड गॉगिन्स – एक ऐसे इंसान जिनकी कहानी आत्म-अनुशासन, दर्द, और आंतरिक शक्ति का प्रतीक बन चुकी है।
मन की भीड़ में असली आवाज़ कौन सी है?
डेविड बताते हैं कि हमारे मन में एक नहीं, बल्कि कई आवाज़ें होती हैं। कुछ हमें कमज़ोर बनाती हैं, कुछ प्रेरणा देती हैं। जब आप खुद के साथ बैठकर इन आवाज़ों से बातचीत करना सीखते हैं, तभी आप असली निर्णय ले पाते हैं।
लोग सिर्फ़ आपके एक्शन देखते हैं, लेकिन उसके पीछे चल रही आंतरिक बातचीत का उन्हें कोई अंदाज़ा नहीं होता।
दयालुता या सच्चाई – कौन ज़रूरी है?
गॉगिन्स कहते हैं कि अगर मैं 300 पाउंड का था और खुद से बस दयालुता की बात करता, तो शायद मैं फिर से 7-Eleven से चॉकलेट डोनट्स और मिल्कशेक लेकर आता।
दयालुता जरूरी है, लेकिन उससे पहले ज़रूरी है ईमानदारी और सच का सामना।
सफलता से पहले हार को सीखना ज़रूरी है
“मैंने पहले खुद को हारना सिखाया, तभी जाकर जीत मिली।”
गॉगिन्स का मानना है कि जो इंसान बड़े सपने देखता है, उसे सबसे पहले “हारने की कला” सीखनी चाहिए। जब आप असफल होते हैं, तभी चरित्र बनता है।
“जीत” कोई गिफ्ट नहीं है, वह लगातार ठोकर खाने और उठने की प्रक्रिया से मिलती है।
अंदर की गहराई – डार्क कपबोर्ड्स
ह्यूबरमैन बताते हैं कि हमारे दिमाग का सबसे ताकतवर हिस्सा है – अवचेतन मन (Unconscious Mind)।
गॉगिन्स इसे “डार्क कपबोर्ड्स” कहते हैं – हमारी अंदरूनी दराजें, जिनमें हमारे डर, दुख, और असफलताएं छिपी होती हैं।
“मैं हर दिन उन कपबोर्ड्स की सफाई करता हूं। हर दिन। क्योंकि वही असली मैं हूं। और जब तक वे साफ़ नहीं होते, मेरा दिन शुरू नहीं होता।”
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यह एक दर्दनाक और कठिन प्रक्रिया है, लेकिन यही सफलता की असली कीमत है।
लोग क्यों नहीं समझते?
गॉगिन्स कहते हैं कि लोग उन्हें अक्सर “अजीब” या “क्रेज़ी” मानते हैं, क्योंकि वह उन बातों को खुलकर कहते हैं जो लोग सुनना नहीं चाहते।
“मैं जो बोलता हूं, वह अंधेरे से आता है। लेकिन जब आप हर दिन उस अंधेरे में उतरते हैं, तभी आप उजाले में जी सकते हैं।”
क्या आप तैयार हैं अंदर झांकने के लिए?
ह्यूबरमैन कहते हैं कि ज़्यादातर लोग अपनी आंतरिक दुनिया से डरते हैं।
“कपबोर्ड खोलना आसान नहीं है। लेकिन वहीं से असली सफर शुरू होता है।”
निष्कर्ष: सच्चाई आसान नहीं होती, लेकिन यही रास्ता है
डेविड गॉगिन्स की बातों से साफ है – आपको अपने डर, असफलताओं और दर्द का सामना करना होगा।
हर दिन खुद के अंदर उतरना होगा, खुद से लड़ना होगा, और खुद को बेहतर बनाना होगा।
“दूसरों की आवाज़ बंद कर दो – और अपनी सच्ची आवाज़ सुनना शुरू करो।”